शुक्रवार, १७ जानेवारी, २०२०

साईबाबा जन्म स्थान विवाद पर पडदा डालो ? : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

Report: Balasaheb Puri
पाथरी : आज हम आपको साईं बाबा जन्म   (saibaba birthplace) स्थान के बारे में जो विवाद चल रहा है , उसके बारे में बताएंगे । 

यह विवाद हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पाथरी के साईं बाबा मंदिर ( saibaba birthplace temple Pathri)  के लिए  नगर निगम को 100 करोड़ रुपए दिए ।  तब से  यह विवाद शुरू हुआ । 

विवाद शुरू होने का मुख्य कारण है , मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी ने जब यह राशि घोषित की तब कहा कि  " हम साईं बाबा जन्म भूमि विकास के लिए यह राशि दे रहे है" ।   मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की घोषणा के बाद शिरडी (Shirdi)  के मंदिर विश्वस्त और शिर्डी की जनता इसका विरोध करने लगी  । 


शिर्डी के लोगों का कहना था   "पाथरी ( Pathri)  के विकास के लिए आप जो मदद कर रहे हो उसका हमें कोई एतराज नहीं,  लेकिन मुख्यमंत्री जी ने यह कहना की साईं बाबा का जन्म पाथरी में हुआ यह हमें पसंद नहीं । क्योंकि साईं बाबा ने  अपने पूरे जीवन काल में कभी यह नहीं बताया कि मेरा जन्म कहां हुआ ,मैं कहां से आया । उनका तो बस एक ही कहना था सबका मालिक एक  है और श्रद्धा सबुरी।" 

बस क्या था विवाद शुरू हुआ । 

दरअसल इसके पहले भी विवाद हुआ था  , जब  राष्ट्रपति ( president ramnath kovind)  शिरडी आए थे , तब उन्होंने कहा था कि "मैं पाथरी गया था , वहां मुझे साईं बाबा के अनेक भक्त मिले,  और उन भक्तों का कहना है की साईं बाबा का जन्म पाथरी में हुआ और उनकी भावनाओं को देखते हुए मुझे लगता है महाराष्ट्र सरकार ने इस मंदिर के लिए मदद करनी चाहिए । 


राष्ट्रपति कोविंद जी जब राज्यपाल थे तो पाथरी शहर में साईं बाबा का दर्शन करने के लिए आए थे । इस समय पाथरी के लोगों ने उन्हें बताया था कि यह साईं बाबा का जन्म स्थान है , और इस मंदिर का विकास करने के लिए निधि की आवश्यकता है । तब उन्होंने एक विकास आराखडा बनाने को कहा था। इसी आराखडे को ध्यान मे रखते हुए ठाकरे सरकार  ने  100 करोड़ राशी देने का ऐलान किया।  लेकिन यह राशि फडणवीस  ( Devendra fadnvis) सरकार ने ही पहले मंजूर की थी। 
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इसके बाद कड़ा विरोध जताने के लिए शिर्डी के लोगों ने शिरडी गांव को अनिश्चितकालीन बंद रखने का ऐलान किया । फिर क्या था पूरे देश में खलबली मच गई । इलेक्ट्रॉनिक मीडिया , प्रिंट मीडिया और पूरे  भक्तों का ध्यान इस और खिंच गया। महाराष्ट्र सरकार ने इस समस्या का हल निकालने के लिए शिर्डी के लोगों को मीटिंग के लिए मुंबई बुलाया। तब तक यह खबर पूरे देश में फैल चुकी थी। और सबकी नजरें मुंबई में होने वाली शिर्डी ग्रामवासी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बैठक के  तरफ लगी।  

इस बैठक का निमंत्रण पाथरी गांव वासियों को नहीं मिला था। इसलिए इस बैठक में पाथरी गांव वासी शामिल नहीं थे , दरअसल मुंबई  बैठक में यह तय हुआ कि पाथरी गांव का विकास तीर्थ स्थल मानकर किया जाएगा ना की साईं बाबा की जन्मभूमि मानकर किया जाएगा। और ऐसी घोषणा बैठक में उपस्थित शिवसेना के खासदार लोखंडे इन्होंने की। वैसे तो मुख्यमंत्री ने मिडिया के सामने आकर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा। इसका मतलब सीधा सीधा यह हुआ कि उद्धव ठाकरे ने यूटर्न ले लिया था , क्योंकि उन्होंने पहले कहा था हम पाथरी शहर का विकास साईं बाबा की जन्मभूमि समझ कर करेंगे । 


मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस निर्णय के बाद पाथरी वासियों ने आमदार बाबा जानी दुर्रानी  ( babajani Durrani) इनकी अध्यक्षता में आमसभा का आयोजन किया और इस आमसभा में यह घोषित किया कि पाथरी ही साईं बाबा की जन्मभूमि है , यह दावा हम नहीं छोड़ेंगे । हमें पैसा मिले या नहीं मिले , लेकिन हम हमारे दावे पर अड़े हैं , और इसके हमारे पास 29 पुख्ता सबूत है । यह सबूत हम पूरी दुनिया के सामने पेश कर चुके हैं । इस ग्राम सभा में यह भी ठराव पास हुआ कि हम सब मिलकर पूरे सबूतों को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे ।  पाथरी वासियों का पक्ष उनके सामने रखेंगे । उनसे  मांग करेंगे कि एक समिति बनाई जाए , यह समिति इन पुरावों  की जांच करेगी , और साबित करेंगी कि  पाथरी साईं बाबा का जन्म स्थान है या नहीं।  यह समिति जो भी निर्णय देगी वह हमें मंजूर होगा ।

पाथरी से चालीस लोगों का शिष्टमंडल आज ( २२/०१/२०२०) मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने मुंबई पहुंचा था। लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने समय नहीं दिया।  इसी बीच परभणी के सांसद संजय बंडु जाधव ( MP Sanjay bandu Jadhav, Parbhani) ने इस विषय पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की। सांसद संजय जाधव के अनुसार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस विषय को पटल पे मत लाओ। संजय जाधव ने यह भी कहा कि साईबाबा जन्म स्थान का विषय कॅबिनेट के सामने आया था। इससे ज्यादा संजय जाधव ने कुछ नहीं कहा।  तो क्या साईबाबा जन्म स्थान विवाद खत्म हुआ? 

देखते हैं अब आगे क्या होगा। 

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